Well had to come back with the few other quotes or "shairs" i jotted in my listening to the discourse this time. Again i mention its my short coming not being able to jot down the names of the poets he ascribed these to while quoting.
- तोर ली मैंने बेरियाँ सब, अब न तू चाहिए न रब
मैं तो यूही गुनेहगार था, इसमें तेरी गवाही गज़ब
तेरी पाकीजगी पर न कहीं तोहमत लगे,
तू बेवफा हुआ, हुआ लेकिन न होना अब बेअदब
हमसफ़र हैं और सहारे भी हैं, अश्क क्यों फिर भेह रहे हैं बेसबब
तोर ली मैंने बेरियाँ सब अब न तू चाहिए न रब.
- मुझे काम है इश्वर से दुनिया रूठती है तो रूठे
- जो खुद को पकड़ लेता है वोह खुदा को पकड़ लेता है. - Morari Bapu
- जिनको पकड़अ था हाथ समझकर, वोह दस्ताने निकले.
- तोर ली मैंने बेरियाँ सब, अब न तू चाहिए न रब
मैं तो यूही गुनेहगार था, इसमें तेरी गवाही गज़ब
तेरी पाकीजगी पर न कहीं तोहमत लगे,
तू बेवफा हुआ, हुआ लेकिन न होना अब बेअदब
हमसफ़र हैं और सहारे भी हैं, अश्क क्यों फिर भेह रहे हैं बेसबब
तोर ली मैंने बेरियाँ सब अब न तू चाहिए न रब.
- मुझे काम है इश्वर से दुनिया रूठती है तो रूठे
- हमने हसरतों के दाग आंसुओं से धो लिए, आपकी मर्ज़ी आप बोलिए या न बोलिए
- महबूब जो भी दे वोह महबूब है
- देखकर दिलकशी ज़माने की आरज़ू है फिर धोखा खाने की,
ए गेम ज़िन्दगी तू नाराज़ न हो, हमे आदत है मुस्कुराने की.
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